अब आर्थिक दिक्कतों के कारण विदेश में पढ़ाई करने का सपना अधूरा नहीं रहेगा क्योंकि भारत सरकार द्वारा दिल्ली कैबिनेट ने इससे संबंधित प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है. अनुसूचित जाति के बच्चों के लिए समाज कल्याण विभाग ने इस योजना का प्रस्ताव रखा है जिसमे हर साल 100 बच्चों को इस योजना के तहत स्कॉलरशिप दिए जाने का प्रावधान किया
गया है. विदेश में इन बच्चों की पढ़ाई का पूरा खर्चा अब का खर्च दिल्ली सरकार के हाथो में होगा. ऐसे में अब दिल्ली सरकार ने उनकी मदद का फैसला लिया है. सरकार उन्हें 5 लाख रुपये से लेकर 20 लाख रुपये तक की आर्थिक साहयता करेगी. इस योजना का लाभ केसे उठायें आइए जानते हैं.
योजना का स्कॉलरशिप के लिए आवश्यक शर्तें
कई बार आर्थिक तंगी से प्रतिभाशाली बच्चे विदेश में पढ़ाई नहीं कर पाते जबकि कई पाठ्यक्रमों में उन्हें दाखिला मिला होता है. इसलिए दिल्ली सरकार के ये दावे निम्न है.
- स्टूडेंट्स भारतीय निवासी होने के साथ कम से कम 5 वर्ष से दिल्ली में रह रहा हो.
- उसके पास दिल्ली का आवास प्रमाण पत्र होना अनिवार्य है.
- जिस विषय में पीएचडी करने जा रहा है, उससे संबंधित विषय की मास्टर डिग्री व स्नातक में कम से कम 55 फीसदी
अंक आवश्यक होने अनिवार्य हो. - विद्यार्थी की उम्र 30 वर्ष से ज्यादा नहीं होनी चाहिए.
ये विषयों है शामिल योजना का लाभ लेने के लिए
- इंजीनियरिंग मैनेजमेंट
- साइंस एंड अप्लायड साइंस
- कृषि विज्ञान व मेडिसिन
- इंटरनेशनल कॉमर्स अकाउंटिंग एंड फाइनांस
- मानविकी व सामाजिक विज्ञान
राशि मिलने की योग्यता किसे मिलेंगे 5 लाख और किसे 20 लाख
- अगर कोई स्टूडेंटस एक साल के लिए विदेश जाता है तो उसे 5 लाख रुपये तक की मदद मिलेगी।
- जबकि चार साल के पाठ्यक्रम में दाखिला लेने पर 20 लाख रुपये की आर्थिक मदद दी जायेगी।
- इसके दायरे में ऐसे परिवार आएंगे जिनकी सालाना आय 8 लाख रुपये से कम हो।
- अगर किसी भारतीय ने विदेशी विवि में स्टूडेंट्स ने पहले पढ़ाई की है और वह दोबारा पढ़ाई करने विदेश जाना चाहता है, तो वह इस योजना का लाभ लेने के योग्य नहीं माना जाएगा।
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फोटो साभार : insidehighered.com